ये विश्वास की जीत है…:कोरोना को हराकर लौटीं 91 और 62 साल की ये सुपर दादियां

कोविड को 91 साल की लक्ष्मीदेवी ने हरा दिया है। सेवानिवृत्त शिक्षिका लक्ष्मी देवी को 23 अप्रैल को अचेत अवस्था में बुधवारिया स्थित चेरिटेबल अस्पताल में भर्ती किया था। उन्हें 30 प्रतिशत इंफेक्शन था। उन्हें नली से भोजन दिया जाता था। मरीज के ओल्ड एज होने और 30 प्रतिशत तक इन्फेक्टेड होने से प्रभारी चिकित्सक डॉ. रवि जैन भी उम्मीद छोड़ चुके थे कि महिला स्वस्थ हो पाएगी। फिर भी डॉक्टर और उनकी टीम ने चिकित्सा सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार होता गया। बुधवार को उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया। लक्ष्मी देवी ने अपने संदेश में कहा कि साहस रखते हुए अपने डॉक्टर पर पूरा भरोसा रखें। कोविड के पहले लक्षण में ही टेस्ट करवाएं। डॉक्टर्स की गाइड लाइन के अनुसार दवाइयों का उपयोग करें तो कोरोना जरूर हारेगा। लक्ष्मी देवी के पुत्र ओमप्रकाश जोशी विक्रम विश्वविद्यालय में कर्मचारी नेता हैं।

62 साल की सौरमबाई स्वस्थ होकर घर लौटी

उज्जैन | कोविड हॉस्पिटल माधवनगर में मरीजों की रिकवरी अब तेजी से होने लगी है। हीरा मिल की चाल में रहने वाली 62 साल की सौरम बाई परमार को परिवार के लोगों ने संक्रमित होने के बाद बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती किया था। सात दिन तक इलाज के बाद महिला स्वस्थ हो गई। उन्हें गुरुवार को डिस्चार्ज कर दिया। घर जाने से पहले उनकी आंखें भर आई। बोली- अस्पताल के डॉ. एचपी सोनानिया, डॉ. सोनाली अग्रवाल व डॉ. संजीव कुमरावत व स्टाफ की वजह से मैं ठीक हुई हूं।

डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ ने उनका पूरा ध्यान रखा। समय पर भोजन व दवाइयां देते रहे। भर्ती होते समय मेरी बहुत हालत खराब भी, ठीक से इलाज मिलने से स्वस्थ हुई। सौरम बाई के परिजनों ने स्टाफ का उत्साहवर्धन करते हुए फूलमाला से स्वागत किया। माधव नगर हॉस्पिटल के डॉ. संजीव कुमरावत ने बताया अस्पताल से 6 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर गए हैं।

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